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Thursday, 14 May 2020

ENVIRONMENT (पर्यावरण)

ENVIRONMENT(पर्यावरण)


क्या हमने कभी सोचा है। कि पर्यावरण को नुकसान क्यों हो रहा है और किसकी वजह से हो रहा है? आइए जानते हैं आज इसी के बारे में। आखिर क्या कारण है जिससे पर्यावरण को नुकसान हुआ है?

आज हम कुछ मुख्य पॉइंट बात करेंगे जैसे। पर्यावरण प्रदूषित कैसे हो रही है?

  1. पर्यावरण को हो रहा नुकसान 
  2. पर्यावरण को मनुष्य से नुकसान।
  3. आखिर पर्यावरण को नुकसान क्यों?
  4. इंसान कहां पर गलती कर रहा है?
  5. क्या 600 वर्ष पहले पर्यावरण प्रदूषित था?
  6. कैसे पर्यावरण प्रदूषण रहित हो?
  7. क्या ऐसी कोई जगह है जहां पर प्रदूषण ना हो?
  8. पूर्ण गुरु की कैसे खोज करें?


  1. पर्यावरण को हो रहा नुकसान ?
पर्यावरण को हो रहा नुकसान जी हां मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं क्योंकि हम अगर लोक डाउन से पहले की बात करें। तो आप सभी जानते हैं कि कितनी हमारे भारत में फैक्ट्रियां हैं कंपनीयों का केमिकल उनका धुंआ ऊपर से जो हम वाहन चलाते हैं उसका धुंआ पर्यावरण को दूषित करता है। और भी कई कारण है जो हम इस ब्लॉग में बताएंगे।

  2.पर्यावरण को मनुष्य से नुकसान ?

मनुष्य अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए पर्यावरण का विनाश कर रहा जैसे पेड़ों को काटना  बड़े मकान बनाना  बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों और उनके द्वारा। प्रदूषण फैलाने से मनुष्य द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है।

3.आखिर पर्यावरण को नुकसान क्यों ?

जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही है और मनुष्य अपनी जरूरत के लिए। पेड़ पौधों को काट रहा है जैसे। कंपनी वाले फैक्ट्री वाले लोगों की जरूरत पूरी करने के लिए अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां बनाने के लिए  पेड़ों को काटते हैं। इसलिए मनुष्य के द्वारा सबसे बड़ी हानि जो पर्यावरण को हो रही है


4.मनुष्य कहां पर गलती कर रहा है?

मनुष्य अपनी जरूरत के लिए पेड़ पौधे काट देता है लेकिन वह सबसे बड़ी गलती यहां पर भी करते हैं कि वह उसके बजाय कुछ और पेड़ उगाए  उन को चाहिए कि अगर हम एक पेड़ काट रहे हैं तो  उसकी एवज में एक पेड़ जरूर लगाएं ताकि हमारे जो पृथ्वी का संतुलन बना रहे हैं। लेकिन ऐसा कोई भी नहीं करता। और इसी से हमारे देश में दिन-ब-दिन बीमारियां बढ़ती जा रहे हैं।

5.क्या 600 वर्ष पहले पर्यावरण प्रदूषित था?

दोस्तों ऐसा नहीं है कि हम ही दुनिया में जी रहे हैं आज से 600 साल पहले अगर हम जाएं। तब भी लोग जीते थे रहते थे। तब में और आज में बहुत फर्क है। क्योंकि तभी की जनसंख्या से लेकर अभी की जनसंख्या बहुत बड़ा बदलाव आया है उसके हिसाब से। बदलाव भी हुआ है लेकिन दोस्तों कहीं ना कहीं हमारी जरूरत है। दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से पर्यावरण का वातावरण जो है शुद्ध नहीं कर पा रहे हैं। हम और ज्यादा से ज्यादा पेड़ काट रहे हैं। इसलिए हमें अब बीमारियों का सामना भी करना पड़ रहा है।


6.कैसे पर्यावरण प्रदूषण रहित हो?

जैसे पर्यावरण प्रदूषण रहित हो जी हां अगर हमें स्वस्थ जीना है तो पर्यावरण को भी स्वस्थ रखना उतना ही जरूरी है। जरूरतों को कम करते हुए हम पर्यावरण को मदद कर सकते हैं पर्यावरण को शुद्ध सकते हैं अगर हम कम से कम पेड़ पौधों को काटकर। कम से कम। जमीन का प्रयोग करते हुए अपने जीवन को व्यापन करें और  पर्यावरण को। स्वस्थ रखें  पेड़ पौधे उगाए। और हमारे। पर्यावरण को दूषित होने से बचाएं।



7.क्या ऐसी कोई जगह है जहां पर प्रदूषण ना हो?

ऐसे भी कोई जगह है जहां पर पर्यावरण शुद्ध हो या  का वातावरण शुद्ध हो? 
जी हां  ऐसी जगह है उसके लिए हमें कुछ नियमों को पालन करना होगा और कुछ अपने आप में बदलाव करना होगा जहां से हम आए हैं। वहां पर बिल्कुल भी प्रदूषण नहीं है बिल्कुल भी बीमारी नहीं है। वहां पर हमारे पास बहुत बड़े बड़े मकान है जो इच्छा यहां होती है वो वहां पहले से ही सतलोक में विद्धमान है उसके लिए हमें पूर्ण गुरु की आवश्यकता होती है।


8.पूर्ण गुरु की कैसे खोज करें?

पूर्ण गुरु की खोज करने के लिए हमें। शास्त्रों का सहारा लेना पड़ेगा। शास्त्रों में क्या लिखा है? हमें कैसी भक्ति करनी चाहिए? यहां पर क्लिक करके देखें कि "पूर्ण गुरु की पहचान" कैसे करें?



NOTE
जब तक हम इस दुनिया में है। तब तक इस पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रखना है?
यह संत रामपाल जी महाराज। अपनी सत्संग  में बताते हैं कि कम सुविधा में इंसान को और रहना सीखना चाहिए। 

जैसे :-

 "घर तो साढ़े तीन हाथ घणा तो पौने चार"

अर्थात हम कही भी सोये या बेठे हमें जगह की जरूरत ही होती है फिर भी मनुष्य बड़ी बड़ी कोठी बनाने की सोचता है इस लिए  कहा है कम में गुजारा करलो।


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